Year: 2025

GISMETEO: Погода в Краснослободске сейчас, фактическая погода Краснослободск, Краснослободский район, Республика Мордовия, Россия

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Обеспечить рост плода и сохранить упитанность коровы в пределах BCS 3,5-3,75 балов — это позволит благополучно провести отёл и снизит риски возникновения кетоз

В кормлении рекомендуется использовать: сено и сенаж злаковых культур, солому мелкоизмельченную (овсяная, пшеничная, ячменная), силос кукурузный не более 8 кг/голову в сутки. В случае низкой упитанности, можно вводить в рацион концентрат СВ – 11-13 кг; ОЭ – 8-9 МДж/кг СВ; NEL (чистая энергия лактации) – 5,4-5,8 МДж/кг СВ; Сырой протеин – 110-120 г/кг СВ; Сырая клетчатка – более 250 г/кг СВ – однако на практике крупные коровы потребляют больше сухого вещества.

Обеспечить максимальное потребление корма, не менее 14 кг СВ. Чем выше потребление сухого вещества корма в сухостойный период, тем выше его потребление в пост отельный период и, следовательно, тем выше молочная продуктивност

Чтобы корм хорошо переваривался и усваивался, Аквариум к моменту отела микрофлора рубца должна быть достаточно развита. Кроме того, введение в рацион концентратов с высоким содержанием крахмала спровоцирует активный рост рубцовых папи Следует помнить, что мы кормим не только корову, но и микрофлору рубца.

Проведение профилактики гипокальциемии – снижаем показатель рН крови: по возможности исключение из рациона кормов с высоким содержанием калия, фосфора и кальция, скармливание кислых – анионных соле

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лицо, которое без установленных законом, иными правовыми актами или сделкой оснований приобрело или сберегло имущество (приобретатель) за счет другого лица (потерпевшего), обязано возвратить последнему. Взыскание долга по расписке до 50 000 рублей. Для чего же нужен сухостойный перио

Расчёт рациона производится исходя из потребности животного в питательных веществах для данного физиологического периода, и с учётом веса и упитанности коров 1-я – «ранний сухостой», около 45- 60 дней до отёла. 2-я – «поздний сухостой», около 14-21 день до отёла.

иски о взыскании алиментов на нетрудоспособных, нуждающихся в помощи совершеннолетних детей, могут быть предъявлены в мировой суд самими совершеннолетними, а если они в установленном законом порядке признаны недееспособными, – лицам О взыскании неосновательного обогащения до 50 000 рублей.

Барановка (Краснослободский район), Беликовские Выселки, Бобылевские Выселки, Большевик (Мордовия), Товары для животных в КОТоПЁС Архангельска Грачевник, Гумны (Краснослободский район), Демина Поляна, Долговерясы, Ефаево, Желтоногово, Заберезово, Зайцево (Мордовия), Заречная Лосевка, Заречное (Мордовия), Зиновские Выселки, Каймар, Колопино, Кользиваново, Красная Волна, Красная Подгора, Краснополье (Краснослободский район), Краснослободск (Мордовия), Куликово (Краснослободский район), Лаушки, Литва (Мордовия), Мироновка (Мордовия), Мордовские Парки, Мордовские Полянки (Краснослободский район), Мордовское Маскино, Нагорное Шенино, Новая Авгура, Новая Горяша, Новая Карьга, Новая Рябка, Новая Саловка, Новое Заберезово, Новое Зубарево, Новое Синдрово,Новое Шенино, Новый Усад (Краснослободский район), Пеньково (Мордовия), Песочная Лосевка, Плужное (Мордовия), Потякши, Преображенский (Мордовия), Приволье (Краснослободский район), Пригородное (Мордовия), Русские Полянки, Русско-Полянские Выселки, Русское Маскино, Селищи (Краснослободский район), Сивинь (село), Синяково (Мордовия), Слободские Дубровки, Среднее Поле, Старая Авгура, Старая Потьма (Краснослободский район), Старая Рябка, Старое Зубарево, Старое Лепьево, Старое Синдрово, Старые Буты, Старые Горяши, Тенишево (Мордовия), Тройни, Тустатово, Усть-Рахмановка (Краснослободский район), Черновские Выселки, Чукалы (Краснослободский район), Шаверки, Шапкино (Мордовия О взыскании алиментов на содержание совершеннолетнего нетрудоспособного члена семьи.

गणतंत्र दिवस परेड 2024: 90 मिनट में होगी विशेष तैयारी और 14 मार्चिंग टुकड़ियाँ

26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में 25 झांकियाँ और 5000 कलाकारों की प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी। इस वर्ष की इस गणतंत्र दिवस परेड की विशेषताएँ: विकास और विरासत की झलक (you can try this out) परेड विकास और विरासत की झलक पेश करेगी।

गणतंत्र दिवस परेड, जो हर साल की तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्या पथ पर आयोजित होगी, इस बार 90 मिनट में संपन्न होगी। यहाँ जानें इस बार की परेड की खासियतें:

मुख्य बातें:

गणतंत्र दिवस परेड 90 मिनट में सम्पन्न होगी।
परेड में शामिल होंगी 14 मार्चिंग फॉर्मेशन और 25 झांकियाँ।
इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी करीब दो हफ्ते पहले भारत आएगी।
नई दिल्ली: इस बार 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में मोटरसाइकिल स्टंट भारतीय सेना के जवानों द्वारा प्रदर्शित किए जाएंगे। पिछले वर्ष बीएसएफ के जवानों ने इस प्रदर्शन को अंजाम दिया था। इस वर्ष की परेड की थीम “स्वर्णिम भारत – विकास और विरासत” है। विशेष बात यह है कि इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी इस बार परेड में भाग लेगी। पिछली बार फ्रांस की टुकड़ी ने भाग लिया था, जिसका मार्चिंग गति 80-85 कदम/मिनट थी, जबकि भारतीय मार्चिंग टुकड़ी की गति लगभग 108 कदम/मिनट थी।

इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने के लिए करीब दो सप्ताह पहले भारत पहुंचेगी। इस बार, पूरी परेड को 90 मिनट में समाप्त करने का लक्ष्य है, जिसके लिए टुकड़ियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दो कम रहेगी। पिछले वर्ष 16 टुकड़ियाँ थीं, जबकि इस बार केवल 14 टुकड़ियाँ भाग लेंगी। इनमें से आठ टुकड़ियाँ सेना, नौसेना और वायुसेना की होंगी, जबकि गृह मंत्रालय की पांच और एक तटरक्षक बल की होगी। बीएसएफ की एक टुकड़ी ऊंटों के साथ हिस्सा लेगी।

गणतंत्र दिवस परेड में कुल 25 झांकियाँ होंगी, जो विभिन्न राज्यों, रक्षा मंत्रालय, डीआरडीओ, असम राइफल्स और तटरक्षक बल की झांकियाँ शामिल करेंगी।

इस बार परेड में 5000 कलाकार एक साथ देश की संस्कृति, विकास और विरासत को प्रदर्शित करेंगे। पिछली परेड में 3000 कलाकारों ने भाग लिया था। छह पाइप बैंड भी इस परेड का हिस्सा होंगे। गणतंत्र दिवस के टिकट विभिन्न स्थानों पर बनाए गए काउंटरों से खरीदे जा सकते हैं, और आप टिकट को 2 जनवरी से एक वेबसाइट – aamantran.mod.gov.in पर भी खरीद सकते हैं।

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में इन दिनों शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे नागरिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के अनुसार, यह ठंड का दौर 10 जनवरी तक जारी रहेगा, जिससे लोगों को ठंड से जूझते रहना होगा। शीतलहर के चलते दिल्ली की हवा में ठंडक का अहसास और बढ़ गया है, जिससे लोगों को रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई है।

शीतलहर और कोहरे के कारण दिल्ली में दृश्यता घटने के साथ-साथ रेल और हवाई यात्रा में भी बाधाएँ आई हैं। कई ट्रेनों को समय पर चलने में कठिनाइयाँ पेश आई हैं, जबकि कुछ उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति के चलते यात्री और लोग दोनों ही परेशान हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस प्रकार का मौसम दिल्ली का मौसम: कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे के बीच (simply click the up coming article) हर साल सर्दियों में सामान्य है, लेकिन इस बार की शीतलहर ने कुछ अतिरिक्त प्रभाव डाला है।

घना कोहरा भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थितियों में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं। इसलिए, लोगों से सलाह दी गई है कि वे घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें और जैसे ही स्थिति बेहतर हो, तभी बाहर जाने का सोचें।

दिल्लीवासियों को अब राहत की उम्मीद है क्योंकि 11-12 जनवरी को शहर में हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है। बारिश के बाद तापमान में कमी आएगी और शायद ठंड से कुछ राहत भी मिले। हालाँकि, बारिश से पहले लोगों को अभी भी शीतलहर का सामना करना पड़ेगा। बारिश के बाद परिस्थिति थोड़ी बदल सकती है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।

इस ठंड के दौर के बीच, स्थानीय प्रशासन ने भी ठंड से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। ठंड से प्रभावित गरीब लोगों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ाई गई है और आवश्यक वस्तुओं जैसे कम्बलों और गर्म कपड़ों का वितरण किया जा रहा है। स्थानीय संगठनों और NGOs ने भी इस सर्दी में जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

सरकार ने नागरिकों से यह भी अपील की है कि वे ठंड के मौसम के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।適宜 गर्म खाने-पीने की चीजें खाएं और घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि वे ठंड से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

अंततः, दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे के प्रभाव के चलते नागरिकों को थोड़ी कठिनाई हो रही है, लेकिन आने वाले दिनों में हल्की बारिश से राहत की संभावना है। यह देखना होगा कि मौसम में बदलाव से कैसे परिस्थिति में सुधार होता है और नागरिकों को किस प्रकार की सुविधा मिलेगी। मौसम की इस बदलती स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है ताकि सर्दी का यह दौर स्वस्थ तरीके से पार किया जा सके।

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में इन दिनों शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे नागरिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के अनुसार, यह ठंड का दौर 10 जनवरी तक जारी रहेगा, जिससे लोगों को ठंड से जूझते रहना होगा। शीतलहर के चलते दिल्ली की हवा में ठंडक का अहसास और बढ़ गया है, जिससे लोगों को रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई है।

शीतलहर और कोहरे के कारण दिल्ली में दृश्यता घटने के साथ-साथ रेल और हवाई यात्रा में भी बाधाएँ आई हैं। कई ट्रेनों को समय पर चलने में कठिनाइयाँ पेश आई हैं, जबकि कुछ उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति के चलते यात्री और लोग दोनों ही परेशान हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस प्रकार का मौसम हर साल सर्दियों में सामान्य है, लेकिन इस बार की शीतलहर ने कुछ अतिरिक्त प्रभाव डाला है।

घना कोहरा भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थितियों में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं। इसलिए, लोगों से सलाह दी गई है कि वे घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें और जैसे ही स्थिति बेहतर हो, तभी बाहर जाने का सोचें।

दिल्लीवासियों को अब राहत की उम्मीद है क्योंकि ठंड से राहत की उम्मीद!, resource for this article, 11-12 जनवरी को शहर में हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है। बारिश के बाद तापमान में कमी आएगी और शायद ठंड से कुछ राहत भी मिले। हालाँकि, बारिश से पहले लोगों को अभी भी शीतलहर का सामना करना पड़ेगा। बारिश के बाद परिस्थिति थोड़ी बदल सकती है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।

इस ठंड के दौर के बीच, स्थानीय प्रशासन ने भी ठंड से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। ठंड से प्रभावित गरीब लोगों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ाई गई है और आवश्यक वस्तुओं जैसे कम्बलों और गर्म कपड़ों का वितरण किया जा रहा है। स्थानीय संगठनों और NGOs ने भी इस सर्दी में जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

सरकार ने नागरिकों से यह भी अपील की है कि वे ठंड के मौसम के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।適宜 गर्म खाने-पीने की चीजें खाएं और घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि वे ठंड से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

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दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

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Common Garage Door Issues Broken Springs: One of the most common issues homeowners face is the failure of the garage door springs, which counterbalance the weight of the door. When springs break, the door can become inoperable or may even pose a safety hazard when attempting to open or close. Misaligned Tracks: Garage doors operate along tracks that can become misaligned due to wear and tear, impact, or poor installation. Misalignment can cause the door to function improperly, making it difficult to open or close. Damaged Panels: Over time, garage door panels can sustain damage from various sources, including weather, accidents, or wear. Damaged panels not only affect the door’s aesthetic appeal but can also compromise its security and insulation properties. Faulty Opener: Garage door openers can malfunction due to electrical issues, worn-out gears, or lack of lubrication. A faulty opener can prevent the door from responding to remote controls or wall switches. Worn Rollers: Rollers are essential for smooth operation. If they become worn out, they can lead to a noisy operation or difficulty in opening and closing the door. Why Hire a Professional? While some homeowners may consider DIY repairs, hiring a professional garage door repair service is often the best course of action. Here are a few reasons why: Safety: Garage doors are heavy and can pose significant risks when not handled correctly. Professionals are trained to deal with these systems safely, mitigating the risk of injury. Expertise: Technicians have the experience and knowledge to diagnose problems accurately and provide effective solutions. They are familiar with various door types and the specific components involved. Tools and Equipment: Professionals come equipped with the necessary tools and parts to complete repairs efficiently. This saves homeowners time and reduces the risk of further damage. Warranty Protection: Many repair services offer warranties on their work, giving homeowners peace of mind. In contrast, DIY repairs may not come with any guarantees, potentially leading to additional costs if problems persist. Choosing the Right Repair Service When searching for a garage door repair service, consider the following tips: Research and Reviews: Look for companies with positive customer reviews and a solid track record. Online platforms and social media can provide insights into previous customers’ experiences. License and Insurance: Ensure that the service provider is licensed and insured. This protects you in case of accidents or property damage during the repair process. Get Estimates: Request estimates from multiple companies to compare pricing. Beware of extremely low quotes, as they may indicate subpar service or hidden fees. Ask About Experience: Inquire about the company’s experience with your specific garage door type and brand. Specialized knowledge can make a significant difference in the quality and efficiency of repairs. Availability and Response Time: Choose a service that offers flexible hours and quick response times, especially for emergencies. Fast and reliable service can minimize disruptions to your routine. Conclusion Garage door repairs are an inevitable part of home maintenance. Understanding potential issues and knowing when to seek professional help is crucial for ensuring the safety and functionality of your garage door. By choosing a qualified repair service, homeowners can restore their door’s performance while protecting their investment and ensuring peace of mind.

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गणतंत्र दिवस परेड 2024: 90 मिनट में होगी विशेष तैयारी और 14 मार्चिंग टुकड़ियाँ

26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में 25 झांकियाँ और 5000 कलाकारों की प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी। इस वर्ष की परेड विकास और विरासत की झलक पेश करेगी।

गणतंत्र दिवस परेड, जो हर साल की तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्या पथ पर आयोजित होगी, इस बार 90 मिनट में संपन्न होगी। यहाँ जानें इस बार की परेड की खासियतें:

मुख्य बातें:

गणतंत्र दिवस परेड 90 मिनट में सम्पन्न होगी।
परेड में शामिल होंगी 14 मार्चिंग फॉर्मेशन और 25 झांकियाँ।
इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी करीब दो हफ्ते पहले भारत आएगी।
नई दिल्ली: इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में होंगी 25 झांकियाँ और 5000 कलाकारों की प्रस्तुति; browse around this web-site, जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में मोटरसाइकिल स्टंट भारतीय सेना के जवानों द्वारा प्रदर्शित किए जाएंगे। पिछले वर्ष बीएसएफ के जवानों ने इस प्रदर्शन को अंजाम दिया था। इस वर्ष की परेड की थीम “स्वर्णिम भारत – विकास और विरासत” है। विशेष बात यह है कि इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी इस बार परेड में भाग लेगी। पिछली बार फ्रांस की टुकड़ी ने भाग लिया था, जिसका मार्चिंग गति 80-85 कदम/मिनट थी, जबकि भारतीय मार्चिंग टुकड़ी की गति लगभग 108 कदम/मिनट थी।

इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने के लिए करीब दो सप्ताह पहले भारत पहुंचेगी। इस बार, पूरी परेड को 90 मिनट में समाप्त करने का लक्ष्य है, जिसके लिए टुकड़ियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दो कम रहेगी। पिछले वर्ष 16 टुकड़ियाँ थीं, जबकि इस बार केवल 14 टुकड़ियाँ भाग लेंगी। इनमें से आठ टुकड़ियाँ सेना, नौसेना और वायुसेना की होंगी, जबकि गृह मंत्रालय की पांच और एक तटरक्षक बल की होगी। बीएसएफ की एक टुकड़ी ऊंटों के साथ हिस्सा लेगी।

गणतंत्र दिवस परेड में कुल 25 झांकियाँ होंगी, जो विभिन्न राज्यों, रक्षा मंत्रालय, डीआरडीओ, असम राइफल्स और तटरक्षक बल की झांकियाँ शामिल करेंगी।

इस बार परेड में 5000 कलाकार एक साथ देश की संस्कृति, विकास और विरासत को प्रदर्शित करेंगे। पिछली परेड में 3000 कलाकारों ने भाग लिया था। छह पाइप बैंड भी इस परेड का हिस्सा होंगे। गणतंत्र दिवस के टिकट विभिन्न स्थानों पर बनाए गए काउंटरों से खरीदे जा सकते हैं, और आप टिकट को 2 जनवरी से एक वेबसाइट – aamantran.mod.gov.in पर भी खरीद सकते हैं।

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में इन दिनों शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे नागरिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के अनुसार, यह ठंड का दौर 10 जनवरी तक जारी रहेगा, जिससे लोगों को ठंड से जूझते रहना होगा। शीतलहर के चलते दिल्ली की हवा में ठंडक का अहसास और बढ़ गया है, जिससे लोगों को रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई है।

शीतलहर और कोहरे के कारण दिल्ली में दृश्यता घटने के साथ-साथ रेल और हवाई यात्रा में भी बाधाएँ आई हैं। कई ट्रेनों को समय पर चलने में कठिनाइयाँ पेश आई हैं, जबकि कुछ उड़ानें भी स्काईमेट की भविष्यवाणी: दिल्ली में ठंडी लहर और बारिश के बादलों का पदार्पण (mouse click the up coming internet site) प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति के चलते यात्री और लोग दोनों ही परेशान हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस प्रकार का मौसम हर साल सर्दियों में सामान्य है, लेकिन इस बार की शीतलहर ने कुछ अतिरिक्त प्रभाव डाला है।

घना कोहरा भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थितियों में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं। इसलिए, लोगों से सलाह दी गई है कि वे घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें और जैसे ही स्थिति बेहतर हो, तभी बाहर जाने का सोचें।

दिल्लीवासियों को अब राहत की उम्मीद है क्योंकि 11-12 जनवरी को शहर में हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है। बारिश के बाद तापमान में कमी आएगी और शायद ठंड से कुछ राहत भी मिले। हालाँकि, बारिश से पहले लोगों को अभी भी शीतलहर का सामना करना पड़ेगा। बारिश के बाद परिस्थिति थोड़ी बदल सकती है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।

इस ठंड के दौर के बीच, स्थानीय प्रशासन ने भी ठंड से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। ठंड से प्रभावित गरीब लोगों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ाई गई है और आवश्यक वस्तुओं जैसे कम्बलों और गर्म कपड़ों का वितरण किया जा रहा है। स्थानीय संगठनों और NGOs ने भी इस सर्दी में जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

सरकार ने नागरिकों से यह भी अपील की है कि वे ठंड के मौसम के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।適宜 गर्म खाने-पीने की चीजें खाएं और घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि वे ठंड से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

अंततः, दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे के प्रभाव के चलते नागरिकों को थोड़ी कठिनाई हो रही है, लेकिन आने वाले दिनों में हल्की बारिश से राहत की संभावना है। यह देखना होगा कि मौसम में बदलाव से कैसे परिस्थिति में सुधार होता है और नागरिकों को किस प्रकार की सुविधा मिलेगी। मौसम की इस बदलती स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है ताकि सर्दी का यह दौर स्वस्थ तरीके से पार किया जा सके।

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव: ठंड का दौर जारी

दिल्ली में इन दिनों शीतलहर और घने कोहरे का प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे नागरिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के अनुसार, यह ठंड का दौर 10 जनवरी तक जारी रहेगा, जिससे लोगों को ठंड से जूझते रहना होगा। शीतलहर के चलते दिल्ली की हवा में ठंडक का अहसास और बढ़ गया है, जिससे लोगों को रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई है।

शीतलहर और कोहरे के कारण दिल्ली में दृश्यता घटने के साथ-साथ रेल और हवाई यात्रा में भी बाधाएँ आई हैं। कई ट्रेनों को समय पर चलने में कठिनाइयाँ पेश आई हैं, जबकि कुछ उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति के चलते यात्री और लोग दोनों ही परेशान हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस प्रकार का मौसम हर साल सर्दियों में सामान्य है, लेकिन इस बार की शीतलहर ने कुछ अतिरिक्त प्रभाव डाला है।

घना कोहरा भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थितियों में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं। इसलिए, लोगों से सलाह दी गई है कि वे घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें और जैसे ही स्थिति बेहतर हो, तभी बाहर जाने का सोचें।

दिल्लीवासियों को अब राहत की उम्मीद है क्योंकि 11-12 जनवरी को शहर में हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही स्काईमेट की भविष्यवाणी: दिल्ली में ठंडी लहर और बारिश के बादलों का पदार्पण (about his) है। बारिश के बाद तापमान में कमी आएगी और शायद ठंड से कुछ राहत भी मिले। हालाँकि, बारिश से पहले लोगों को अभी भी शीतलहर का सामना करना पड़ेगा। बारिश के बाद परिस्थिति थोड़ी बदल सकती है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।

इस ठंड के दौर के बीच, स्थानीय प्रशासन ने भी ठंड से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। ठंड से प्रभावित गरीब लोगों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ाई गई है और आवश्यक वस्तुओं जैसे कम्बलों और गर्म कपड़ों का वितरण किया जा रहा है। स्थानीय संगठनों और NGOs ने भी इस सर्दी में जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

सरकार ने नागरिकों से यह भी अपील की है कि वे ठंड के मौसम के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।適宜 गर्म खाने-पीने की चीजें खाएं और घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि वे ठंड से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

अंततः, दिल्ली में शीतलहर और घने कोहरे के प्रभाव के चलते नागरिकों को थोड़ी कठिनाई हो रही है, लेकिन आने वाले दिनों में हल्की बारिश से राहत की संभावना है। यह देखना होगा कि मौसम में बदलाव से कैसे परिस्थिति में सुधार होता है और नागरिकों को किस प्रकार की सुविधा मिलेगी। मौसम की इस बदलती स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है ताकि सर्दी का यह दौर स्वस्थ तरीके से पार किया जा सके।

गणतंत्र दिवस परेड 2024: 90 मिनट में होगी विशेष तैयारी और 14 मार्चिंग टुकड़ियाँ

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में होंगी 25 झांकियाँ और 5000 कलाकारों की प्रस्तुति – Highly recommended Web-site – जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में 25 झांकियाँ और 5000 कलाकारों की प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी। इस वर्ष की परेड विकास और विरासत की झलक पेश करेगी।

गणतंत्र दिवस परेड, जो हर साल की तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्या पथ पर आयोजित होगी, इस बार 90 मिनट में संपन्न होगी। यहाँ जानें इस बार की परेड की खासियतें:

मुख्य बातें:

गणतंत्र दिवस परेड 90 मिनट में सम्पन्न होगी।
परेड में शामिल होंगी 14 मार्चिंग फॉर्मेशन और 25 झांकियाँ।
इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी करीब दो हफ्ते पहले भारत आएगी।
नई दिल्ली: इस बार 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में मोटरसाइकिल स्टंट भारतीय सेना के जवानों द्वारा प्रदर्शित किए जाएंगे। पिछले वर्ष बीएसएफ के जवानों ने इस प्रदर्शन को अंजाम दिया था। इस वर्ष की परेड की थीम “स्वर्णिम भारत – विकास और विरासत” है। विशेष बात यह है कि इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी इस बार परेड में भाग लेगी। पिछली बार फ्रांस की टुकड़ी ने भाग लिया था, जिसका मार्चिंग गति 80-85 कदम/मिनट थी, जबकि भारतीय मार्चिंग टुकड़ी की गति लगभग 108 कदम/मिनट थी।

इंडोनेशियाई मार्चिंग टुकड़ी बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने के लिए करीब दो सप्ताह पहले भारत पहुंचेगी। इस बार, पूरी परेड को 90 मिनट में समाप्त करने का लक्ष्य है, जिसके लिए टुकड़ियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दो कम रहेगी। पिछले वर्ष 16 टुकड़ियाँ थीं, जबकि इस बार केवल 14 टुकड़ियाँ भाग लेंगी। इनमें से आठ टुकड़ियाँ सेना, नौसेना और वायुसेना की होंगी, जबकि गृह मंत्रालय की पांच और एक तटरक्षक बल की होगी। बीएसएफ की एक टुकड़ी ऊंटों के साथ हिस्सा लेगी।

गणतंत्र दिवस परेड में कुल 25 झांकियाँ होंगी, जो विभिन्न राज्यों, रक्षा मंत्रालय, डीआरडीओ, असम राइफल्स और तटरक्षक बल की झांकियाँ शामिल करेंगी।

इस बार परेड में 5000 कलाकार एक साथ देश की संस्कृति, विकास और विरासत को प्रदर्शित करेंगे। पिछली परेड में 3000 कलाकारों ने भाग लिया था। छह पाइप बैंड भी इस परेड का हिस्सा होंगे। गणतंत्र दिवस के टिकट विभिन्न स्थानों पर बनाए गए काउंटरों से खरीदे जा सकते हैं, और आप टिकट को 2 जनवरी से एक वेबसाइट – aamantran.mod.gov.in पर भी खरीद सकते हैं।

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